रांची (बिनोद ओझा). झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ रहे सभी प्रमुख दलों ने घोषणा पत्र में स्थानीय मुद्दाें काे उठाया है। उनका चुनावी एजेंडा भी मुद्दाें पर अाधारित है, पर राजनीति के मैदान में मुद्दे पीछे छूट गए हैं। चुनावी सभाअाें में जुबानी तीर चले रहे हैं। एक-दूसरे पर व्यक्तिगत हमला किया जा रहा है। पहले चरण के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया के साथ जैसे ही सभाएं हाेने लगीं, अाराेप-प्रत्याराेप का दाैर शुरू हो गया। नेताअाें ने अपने भाषणाें में सारी मर्यादाएं लांघ दी। सभाअाें में विभिन्न पार्टियाें के आला नेताओं के बिगड़े बोल सुनने को मिल रहे हैं।
एेसे जानें...राजनीतिक दलाें के प्रमुख नेताअाें ने कब क्या बाेला
चौकीदार नहीं, यहां के सीएम होमगार्ड हैं...
27 नवंबर : लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव...राजद कार्यालय में मीडिया से
रघुवर बेइमानों के खास, ऐसी सरकार को रहने का अधिकार नहीं...
28 नवंबर : कांग्रेस की सिजुआ सभा में भूपेश बघेल
हेमंत सोरेन ने 50 लाख रुपए में टिकट बेचा
29 नवंबर : शशिभूषण सामड़... झारखंड विकास मोर्चा की चक्रधरपुर सभा में
बाप-बेटे सीएम रहे लेकिन राज्य में विकास का काम नहीं किया
30 नवंबर : मुख्यमंत्री रघुवर दास...राजनगर खरसांवा में
जनता के बीच सपने बेच रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी
2 दिसंबर : झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन... झामुमो की कुचाई सभा में
झारखंड में लोग भूख से मर रहे हैं और रघुवर हाथी उड़ा रहे हैं
2 दिसंबर : बाबूलाल मरांडी... झाविमो की बगोदर सभा में
गाय बछड़े की जोड़ी बिछड़ गई है, फिर मिल जाएंगे
3 दिसंबर : हेमंत साेरेन...झामुमाे की तमाड़ और घाटशिला सभा में
बाप-बेटे की चले तो राज्य भी बेच सकते हैं, दोनों खुद के लाभ के लिए सीएम बने
3 दिसंबर : सुदेश महतो... अाजसू की तमाड़ सभा में